नमस्कार दोस्तों, हमारे इस ब्लॉग My Life Guide में आप का स्वागत है आज हम आप के लिए साधारण सी दिखने वाली मगर जटिल बीमारी का उपाय ले कर आए है।जिस को उपयोग करके आप 10 दिनों में गठिया बाई से छुटकारा पा सकते है। गठिया को अंगेजी में आर्थ्राइटिस भी कहते है।पहले के समय में ये रोग बुजुर्ग लोगों को होता था परंतु अब ये बीमारी कम आयु के लोगों में भी हो रहीं हैं।गठिया बाई का रोग अधिकतर चोट, सूजन या अनुवांशिक कारणों से होता है।गठिया रोग कई प्रकार के होते है जिस में ऑसिटयोआर्थ्राइटिस सब से आम है। गठिया होने पर व्यक्ति दर्द से तो गुज़रता है ही ।दैनिक कार्य करने मे भी बड़ी कठिनाई होती है।व्यक्ति ना तो ज्यादा देर तक खड़ा रह सकता है और ना ही ज्यादा चल सकता है नतीजा ये होता है कि धीरे-धीरे वो दूसरों पर निर्भर होने लगता है।इसलिए दोस्तों,आज अपने इस लेख में हम आप को बताएगे कि 10 दिनों में कैसे छुटकारा पा सकते है।

गठिया के लक्षण:
गठिया के लक्षण एक दर्द भरा रोग है जो कई प्रकार का होता है और हर प्रकार के गठिया में अलग तरह के लक्षण मिलते है।
1.गठिया के लक्षणों में सबसे आम दर्द है जो की हर समय बना रहता है।ये एक दम से अधिक तेज या कम भी हो जाता है परंतु दर्द हर समय रहता है।
2.जिस जोड़ में गठिया बाई होती है वहां पर लालिमा और सूजन भी हो सकती है।
3.देखा जाता है कि सुबह उठने पर दर्द ज्यादा रहता है और बॉडी पर भी सूजन रहती है।
4.रोग के बढ़ने के साथ-साथ काम करने में कठिनाई आने लगती है।जोड़ों को हिलाना भी मुश्किल हो जाता है।
5.गठिया बाई से पीड़ित व्यक्ति को हर समय थकान महसूस होती रहती है। उसकी किसी काम को करने की इच्छा नहीं होती।
6.पेरो घुटने के पास नीली नीली नसें दिखने लगती है।
7.रीड की हड्डी मे सूजन आ जाने के कारण ज्यादा देर बैठना मुश्किल हो जाता है।
8.पीठ के निचले हिस्से में बहुत तेज दर्द रहता है जो कि आराम करने पर थोड़ी देर के लिए सही होता है परंतु काम करने पर पुनः शुरू हो जाता है।
गठिया के प्रकार
गठिया रोग अनेक प्रकार के होते है जिनका विवरण हम नीचे विस्तार से दे रहे है
1.ऑसिटयोआर्थ्राइटिस:
ये गठिया रोग का सबसे आम प्रकार है ज्यादातर आयु बढ़ने पर ये रोग हो जाता है।जोड़ों की हड्डी घिसने पर या चोट लगने पर भी ये रोग हो जाता है।अधिकतर कूल्हो,हाथों,पैरो,जोड़ों में दर्द और सूजन इसके लक्षण है।
2.रूमेटोइड आर्थ्राइटिस:
ये आर्थ्राइटिस पर्यावरणीय कारणों से होता है और यह छोटे छोटे जोड़ों को प्रभावित करता है।इस रोग के होने पर लालिमा,सूजन और दर्द अधिक होता है।
3.एंकिलोजिग स्पांडिलाइटिस:
ये आर्थ्राइटिस रीड की हड्डी को सीधे तौर पर प्रभावित करता है ये आर्थ्राइटिस युवा व्यक्ति को ज्यादा प्रभावित करता है। इस रोग में पीठ के निचले हिस्से मे दर्द रहता है।
4.गाउट:
ये जोड़ों में यूरिक एसिड के जमा होने के कारण होता है।इस रोग में बहुत तीव्र दर्द होता है।इससे पैर के अंगूठे में अधिकतम दर्द होता है और ज्यादातर ये रोग पुरुषों में मिलता है।
गठिया के कारण:
गठिया बाई होने का कोई एक कारण नहीं होता जिस प्रकार गठिया कई प्रकार का होता है उसी तरह उसके कारण भी अलग अलग होते हैं।
1.चोट एक बहुत बड़ा कारण है गठिया बाई का
2.बॉडी में कोई संक्रमण हो जाने पर भी गठिया होने का डर रहता है।
3.गठिया का एक कारण अनुवांशिक विरासत भी है जिन माता पिता को गठिया होता है उनके बच्चों को भी ये रोग होने का डर रहता है।
4.उम्र बढ़ने पर जोड़ घिसने लगते है जिस वजह से भी गठिया हो जाता है।
5.अधिक वजन होने से जोड़ों के ऊपर उसका दबाव पड़ता है।

गठिया बाई का उपचार:
गठिया बाई के रोग से बचने के लिए अपने जोड़ों की रक्षा करना बहुत जरूरी है। डॉक्टर की सलाह लेकर अपने दैनिक कार्यों को इस प्रकार करें कि जोड़ों पर काम से कम असर पड़े।
*ऐसे कार्य करने से बचें जिससे जोड़ों पर दबाव पड़े।
*जोड़ों की सुरक्षा के लिए नी केप अवश्य पहने ।
*संतुलित और कैल्शियम युक्त भोजन अपनी डाइट में शामिल करें।
*गठिया के रोग में मछली के तेल का बहुत महत्व है ये तेल सूजन कम करता है और जोड़ों की अकड़न मे भी आराम देता है।
*फिजियोथेरेपी और एक्सरसाइज की सहायता से जोड़ों मे गतिशीलता आती है।
*हाथ पैरो में प्रतिदिन मसाज करनी चाहिए जिससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और बॉडी गरमाहट आती है।
*तनाव और डिप्रेशन से दूर रहना चाहिए।
*फर्श पर बैठने से बचे।
*सुबह शाम वॉक पर रोज नियमित रूप से जाए।
*हीटिंग ट्रीटमेंट के उपचार की सहायता से जोड़ों में गर्मी पहुंचा कर आराम देता है।
गठिया रोग में किन चीजों से परहेज करना चाहिए :
1.चॉकलेट, कैंडी,आइस क्रीम खाने से बचना चाहिए।
2.बहुत ज्यादा ऑइल,घी और तली हुई चीजों से बचना चाहिए।
3.बिस्कुट,चिप्स, और मैदे से बनी चीज़ों से परहेज करना चाहिए।
4.छोले,चना,अरबी और कटहल आदि सब्जी नहीं खानी चाहिए।
5.ठंडी चीज़ों जैसे कुल्फी, दही, छाछ से परहेज करना चाहिए।
6.बहुत तेज कूलर की हवा और ए सी से बचना चाहिए।
निष्कर्ष:
तो दोस्तों, आज मैंने इस लेख में आप को 10 दिन में गठिया बाई से आराम दिलाने के बारे में बताया है।अपनी तकलीफ को आप ये कुछ उपाय अपनाकर कम कर सकते है।क्योंकि हम आप की परेशानी को समझ सकते है।मेरा ये लेख आप को कैसा लगा कमेन्ट बॉक्स में अवश्य बताएगा।
FAQs
प्रश्न 1-क्या गठिया बाई के रोगी दूध का सेवन कर सकते है?
उत्तर-इस रोग में दूध का सेवन करने से कोई समस्या होती है क्योंकि इसमें हड्डी कमजोर होती है और दूध मे कैल्शियम होने के कारण ये मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक है।
प्रश्न 2-गठिया होने के मुख्य कारण क्या है?
उत्तर-जोड़ों पर चोट लगने से या अनुवांशिक दोष सबसे मुख्य कारण है।गठिया के कारण सूजन, दर्द, अकड़न जोड़ों मे बहुत अधिक होता है।इसका कोई एक मुख्य कारण नहीं है।
प्रश्न 3- कौन सा गठिया ठीक नहीं हो सकता?
उत्तर-रूमेटीइड गठिया एक ऐसा गठिया है जिसका कोई इलाज नहीं है परंतु जो उपचार हमने आप को बताए हैं उनसे आप को आराम अवश्य मिलेगा।
प्रश्न 4- गठिया बाई का परमानेंट इलाज क्या है ?उत्तर- वैसे तो इस बीमारी का कोई निश्चित इलाज नहीं है परन्तु अच्छी लाइफ स्टाइल और एक्सरसाइज करके आप इसे बढ़ने से रोक सकते है।
प्रश्न 5- गठिया बाई की सूजन को कैसे कम करें?
उत्तर-बहुत अधिक दर्द या सूजन बढ़ जाने पर आप डॉक्टर से संपर्क करके दवाई ले सकते है इसके अलावा प्रभावित जगह पर ठंडे या गर्म का सेक अवश्य करें।
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